Thursday, January 25, 2018

आसियान देश क्या हैं?

दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस) को संक्षेप में आसियान कहते हैं. यह दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जिसका लक्ष्य आपसी आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देना और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करना है. इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है. आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी. इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे. ब्रूनेई इसमें 1984 में शामिल हुआ और 1995 में वियतनाम। इनके बाद 1997 में लाओस और म्यांमार इसके सदस्य बने. कंबोडिया 1999 में इसका सदस्य बना. 1976 में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए. सन 1994 में आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम (एशियन रीजनल फोरम) (एआरएफ) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ावा देना था. अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान और उत्तरी कोरिया सहित एआरएफ के 23 सदस्य हैं. भारत, 1992 में आसियान का क्षेत्रीय संवाद भागीदार और 1996 में पूर्ण संवाद भागीदार बना. देश की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में आसियान की महत्वपूर्ण भूमिका है.

अपने प्रभाव और आर्थिक सहयोग के कारण आसियान दुनिया के सफलतम समूहों में से एक माना जाता है. सन 2015 में इस संगठन से जुड़े देशों की सकल अर्थ-व्यवस्था 2.8 ट्रिलियन डॉलर की थी. यूरोपीय संघ की तर्ज पर आसियान को भी एकीकृत अर्थ-व्यवस्था की शक्ल देने के प्रयास हो रहे हैं. 18-20 नवंबर, 2015 को मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में हुए इसके 27वें शिखर सम्मेलन में इन देशों ने आसियान एकीकृत आर्थिक समुदाय बनाने का फैसला किया था. 31 दिसंबर, 2015 को यह ‘आसियान (एकीकृत) आर्थिक समुदाय’ अस्तित्व में आ गया. इन दिनों ब्रूनेई के लिम जॉक होई इसके सेक्रेटरी जनरल हैं. आसियान की सर्वोच्च संस्था में राज्यों के प्रमुख होते हैं. इसका 31वाँ शिखर सम्मेलन 10-14 नवम्बर 2017 को फिलीपींस की राजधानी मनीला में हुआ. 32वाँ शखर सम्मेलन इस साल अप्रेल में सिंगापुर में होगा.

रायसीना डायलॉग क्या है?

रायसीना डॉयलॉग नई दिल्ली में आयोजित एक सालाना सम्मेलन है, जिसमें वैश्विक प्रश्नों पर विशेषज्ञ अपने विचार रखते हैं. भारत के थिकटैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस संवाद को सिंगापुर के ‘शांग्री-ला डायलॉग’ के तर्ज पर आयोजित करने की कोशिश है. यह संवाद 2016 से चल रहा है और तीसरा संवाद 16 से 18 जनवरी 2018 को आयोजित हुआ था, जिसका उद्घाटन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने किया. दिल्ली की रायसीना पहाड़ी के नाम पर इसका नामकरण किया गया है.

स्कैंडिनेवियाई देश कौन से हैं?

स्कैंडिनेविया उत्तरी यूरोप का इलाका है, जिसकी नॉर्थ जर्मेनिक परम्पराएं हैं. मूलतः स्कैंडिनेविया से आशय होता है डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन के राजतंत्र, पर व्यापक अर्थ में इसमें फिनलैंड और आइसलैंड को भी शामिल कर लिया जाता है. इन्हें नोर्दिक देश भी कहा जाता है.

शराब पीने वाले की साँस से गंध क्यों आती है?

आम धारणा है कि यह गंध शराब पीने वाले मुँह या शरीर में शराब की मात्रा बची रहने के कारण यह गंध आती है, पर ऐसा नहीं है. यह गंध उसके खून में शामिल हो चुकी होती है. जब कोई व्यक्ति अल्कोहल का सेवन करता है तो, जो उसमें मौजूद इथैनॉल बड़ी तेजी से उसके खून में मिल जाता है. इथैनॉल की विशेषता है बहुत जल्दी हवा में घुलकर उड़ जाना. व्यक्ति के शरीर का रक्त जब फेफड़ों से गुजरता है तो उसमें मौजूद इथैनॉल भाप बनकर तेजी से साँस के साथ बाहर आता है. गंध का कारण यही है.

जानवरों को रंग कैसे दिखाई पड़ते हैं?

जो देखता है उसे कोई न कोई रंग तो दीखता ही है. इसलिए कलर ब्लाइंड का मतलब है कुछ जानवरों को सारी चीजें एक रंग में या दो रंगों में नजर आती हैं. चमगादड़ को ध्वनि की तरंगें बेहतर तरीके से समझ आती है. पर वह कलर ब्लाइंड होते हैं. बंदरों में तीन रंग देखने की क्षमता होती है. इंसान एक करोड़ तक रंगों को अलग-अलग पहचान सकता है. कुछ तो इससे ज्यादा रंगों का भेद कर पाते हैं. कुछ पक्षियों में रंग देखने की बेहतरीन क्षमता होती है वे अल्ट्रा वॉयलेट रंग भी देख लेते हैं.




No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...