Thursday, August 20, 2015

धन विधेयक और वित्त विधेयक में क्या अंतर होता है?

संविधान के अनुच्छेद 110 मे वर्णित एक या अधिक मामलों से जुड़ा धन विधेयक कहलाता है. ये मामले हैं -किसी कर को लगाना,हटाना, नियमन, धन उधार लेना या कोई वित्तीय जिम्मेदारी जो भारत की संचित निधि से धन की निकासी/जमा करना, संचित निधि से धन का विनियोग, ऐसे व्यय जिन्हें भारत की संचित निधि पर भारित घोषित करना हो, संचित निधि से धन निकालने की स्वीकृति लेना वगैरह. वित्त विधेयक (फाइनेंशियल बिल) वह विधेयक जो एक या अधिक धन विधेयक (मनी बिल) प्रावधानों से पृथक हो तथा गैर मनी मामलों से भी संबंधित हो. जो राजस्व और व्यय से जुड़ा हो सकता है. वित्त विधेयक मे धन प्रावधानों के साथ सामान्य विधायन से जुड़े मामले भी होते है. इस प्रकार के विधेयक को पारित करने की शक्ति दोनों सदनों मे समान होती है.

यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं तो उस पर लोक सभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा. धन विधेयक केवल लोकसभा में प्रस्तावित किए जा सकते हैं. इन्हें पास करने के लिए सदन का सामान्य बहुमत आवश्यक होता है. जब कोई धन बिल लोकसभा पारित करती है तो स्पीकर के प्रमाणन के साथ यह बिल राज्यसभा मे ले जाया जाता है राज्यसभा इस बिल को पारित कर सकती है या 14 दिन के भीतर अपनी सिफारिशों के साथ लोक सभा को लौटा देगी. उस के बाद लोकसभा इन सिफारिशों को मान भी सकती है और अस्वीकार भी कर सकती है. जिन वित्त विधेयकों को स्पीकर का धन विधेयक का प्रमाणन नहीं मिला होता उनके बारे में अनुच्छेद 117 में व्यवस्थाएं की गईं हैं.

गोलमेज वार्ता क्या होती है?

गोलमेज वार्ता माने जैसा नाम है काफी लोगों की बातचीत, जो एक-दूसरे के आमने-सामने हों. यहाँ पर गोलमेज प्रतीकात्मक है. गोलमेज में ही सब आमने-सामने होते हैं. अंग्रेजी में इसे राउंड टेबल कहते हैं, जिसमें गोल के अलावा यह ध्वनि भी होती है कि मेज पर बैठकर बात करना. यानी किसी प्रश्न को सड़क पर निपटाने के बजाय बैठकर हल करना . अनेक विचारों के व्यक्तियों का एक जगह आना. माना जाता है कि 12 नवम्बर 1930 को जब ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर अनेक पक्षों से बातचीत की तो उसे राउंड टेबल कांफ्रेस कहा गया. इस बातचीत के कई दौर हुए थे.

महिला क्रिकेट की शुरूआत कैसे हुई?

हालांकि क्रिकेट के खेल की शुरूआत पुरुषों के खेल के रूप में हुई थी, पर महिलाओं का क्रिकेट भी काफी पुराना है. इतिहास में दर्ज महिलाओं का पहला क्रिकेट मैच 26 जुलाई 1745 को इंग्लैंड के दो गाँवनुमा कस्बों ब्रैम्ले एकादश और हैम्बलडन एकादश के बीच हुआ. महिलाओं का पहला ज्ञात क्लब ह्वाइट हैदर क्लब, यॉर्कशर में बना 1887 में। ऑस्ट्रेलिया में महिला क्रिकेट की लीग प्रतियोगिता 1894 में शुरू हो गई थी. बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला क्रिकेट बीसवीं सदी में ही लोकप्रिय हो पाया. 1958 में इंटरनेशनल वीमैंस क्रिकेट काउंसिल की स्थापना हुई. पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीमों के बीच टेस्ट मैच 1934 में शुरू हो गए थे. उस समय क्रिकेट के नियमन का काम इंग्लैंड की वीमैंस क्रिकेट एसोसिएशन करती थी.

भारत में महिलाओं का क्रिकेट 1848 में पारसी समुदाय के क्रिकेट क्लब की स्थापना के साथ हो गया था. शुरू में उनके मैच यूरोपियन टीमों के साथ होते थे. पहली आधिकारिक क्रिकेट टीम का गठन 1911 में हुआ, जिसने इंग्लैंड का दौरा किया. 1932 में पुरुषों की भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला। पर महिलाओं का क्रिकेट आज़ादी के बाद शुरू हुआ है. भारत की वीमैंस क्रिकेट एसोसिएशन 1973 में गठित हुई. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमारा प्रवेश 1976-77 में हुआ, जब हमारी टीम ने पहली बार वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ खेली.

भारत के पहले चुनाव आयुक्त कौन थे?

भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे सुकुमार सेन जो 21 मार्च 1950 से लेकर 19 दिसंबर 1958 तक इस पद पर रहे. चुनाव आयोग का काम होता है देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

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