Friday, July 31, 2015

राष्ट्रीय खेल किस आधार पर चुना जाता है?

क्या हर देश का राष्ट्रीय खेल होता है? राष्ट्रीय खेल किस आधार पर चुना जाता है? क्या बुल फाइटिंग हमारे और बाकी देशों में बैन है?
राष्ट्रीय खेल से तात्पर्य उस खेल से होता है जो उस देश में सर्वाधिक लोकप्रिय हो. चुनने का तरीका भी कोई नहीं है. आमतौर पर खेल का चयन किसी संवैधानिक व्यवस्था से नहीं होता. पर कुछ देशों में कानूनन राष्ट्रीय खेल भी होते हैं जैसे कनाडा में लैक्रोसे और आइस हॉकी हैं. बांग्लादेश में कबड्डी और श्रीलंका में वॉलीबॉल सरकारी तौर पर घोषित राष्ट्रीय खेल हैं. अमेरिका में बेसबॉल को राष्ट्रीय खेल माना जाता है, पर इसकी कोई कानूनी व्यवस्था नहीं है. स्पेन में सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल है पर बुलफाइटिंग को वहाँ का राष्ट्रीय खेल माना जाता है. एक अर्थ में वह खेल है भी नहीं. स्पेन में ही उसका विरोध होता है. स्पेन के स्वायत्त क्षेत्र कैटालोनिया में इस पर रोक लगा दी गई है और इसी साल 25 सितम्बर को कैटालोनिया की राजधानी बार्सिलोना में आखिरी बुलफाइट हुई थी. इसके बाद उसपर वहाँ रोक लगा दी गई. यह खेल स्पेन की कॉलोनियों में ही लोकप्रिय है. मैक्सिको में भी इस पर रोक है. भारत में इसपर रोक नहीं है तो इसकी अनुमति की जानकारी भी हमें नहीं है. दक्षिण भारत के कुछ शहरों में परम्परा से बुलफाइट जैसा समारोह होता है, इसे जल्लीकट्टु कहते हैं. हमारे देश में हॉकी को राष्ट्रीय खेल माना जाता है, पर सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है.

फांसी की सजा का प्रावधान कितने देशों से हटा लिया गया?

भारत दुनिया के उन 58 देशों में है, जहाँ फाँसी की सजा प्रचलन में है. 103 देशों ने फाँसी की सजा खत्म कर दी है और 50 देशों में पिछले दस साल में मौत की सजा का कोई मौका नहीं आया. किसी भी अपराध के लिए मौत की सजा खत्म करने वाले देश हैं 103. मामूली अपराधों के लिए मौत की सजा खत्म करने वाले देश 06. व्यावहारिक रूप से मौत की सजा न देने वाले देश 36. इस प्रकार 145 देशों में मौत की सजा या तो खत्म हो गई है या व्यावहारिक रूप से नहीं दी जाती. जिन देशों में मौत की सजा दी जाती है और काफी प्रचलन में हैं ऐसे देशों की संख्या 58 है. दुनिया के ज्यादातर देशों में ऐसे व्यक्तियों को मौत की सज़ा नहीं दी जाती, जो अपराध के समय 18 वर्ष से कम उम्र के थे. अंतरराष्ट्रीय कानूनों में भी यह व्यवस्था शामिल है. अलबत्ता ईरान, सऊदी अरब और सूडान में 18 से कम उम्र के अपराधियों को सजाएं दी गई हैं.

पहला टेस्ट ट्यूब बेबी कितने साल का है? आजकल क्या कर रहा है?

कर रहा है नहीं कर रही है. पुरुष पहले आया या स्त्री इसका पता नहीं, पर टेस्ट ट्यूब बेबी के रूप में सबसे पहले लड़की का जन्म हुआ था. 25 जुलाई 1978 को ग्रेट ब्रिटेन में लेज़्ली ब्राउन ने दुनिया के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया था. इस बेबी का नाम है लुइज़ जॉय ब्राउन. इस समय उनकी उम्र है 37 साल. इनके पिता का नाम है जॉन ब्राउन. इनके माता-पिता के विवाह के नौ साल बाद तक संतान नहीं होने पर उन्होंने डॉक्टरों से सम्पर्क किया. डॉक्टर रॉबर्ट जी एडवर्ड्स कई साल से ऐसी तकनीक विकसित करने के प्रयास में थे, जिसे इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन कहा जाता है. डॉक्टर एडवर्ड्स को बाद में चिकित्सा विज्ञान का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया. टेस्ट ट्यूब बेबी लुइज़ वे एक बच्चे की माँ हैं. उनके बेटे का नाम केमरन है, जिसकी उम्र साढ़े आठ साल है. लुइज़ का विवाह सन 2004 में वेस्ली मलिंडर से हुआ था. और 20 दिसम्बर 2006 को केमरन का जन्म सामान्य तरीके से हुआ.

ऑटोग्राफ देने का रिवाज़ कैसे शुरू हुआ?

ऑटोग्राफ शब्द का अर्थ है हस्तलेख. ऑटोस यानी स्व और ग्राफो यानी लिखना. यानी जो आपने स्वयं लिखा है. पुराने वक्त में टाइपिंग या छपाई होती नहीं थी. केवल हाथ से लिखा जाता था, पर जो जो पत्र, दस्तावेज़ या लेख व्यक्ति स्वयं लिखता उसे ऑटोग्राफ कहते. ऐसा भी होता कि दस्तावेज़ कोई और लिखता और उसके नीचे उसे अधिकृत करने वाला अपने हाथ से अपना नाम लिख देता. यह नाम उसकी पहचान था. ऑटोग्राफ इस अर्थ में दस्तखत हो गया. किसी को याद रखने का सबसे अच्छा तरीका उसके हस्तलेख या ऑटोग्राफ हासिल करना भी हो गया. राजाओं, राष्ट्रपतियों, जनरलों, कलाकारों, गायकों वगैरह के दस्तखत अपने पास जमा करके रखने का चलन बीसवीं सदी में बढ़ा है. इस शौक को फिलोग्राफी कहते हैं.

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